यूनाइटेड नेशन (United Nation) की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एडवाइजरी बॉडी ने AI खतरों से बचने के लिए 7 सुझाव दिए हैं। गुरुवार को बॉडी ने अपनी फाइनल रिपोर्ट पेश की। इसमें AI के खतरे और कमियां बताई गई हैं।
UN ने पिछले साल 39 सदस्य वाली एडवाइजरी कमेटी का गठन किया था। जिसे AI के अंतरराष्ट्रीय गर्वनेंस में मुद्दों को बताया है। अब इसी महीने आयोजित होने वाली UN समिट में इन सुझावों पर चर्चा की जाएगी।
एडवाइजरी बॉडी ने AI पर निष्पक्ष और विश्वसनीय साइंटिफिक जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है। साथ ही AI लैब्स और विश्व के बीच इंफोर्मेशन से जुड़ी परेशानियों को मिटाने के लिए एक पैनल बनाने की सिफारिश की है।
AI गवर्नेंस पर एक नई नीति वार्ता (Dialog) की भी सिफारिश की गई है। इसमें गवर्नेंस कैपसिटी को बढ़ावा देने के लिए AI स्टैंडर्ड एक्सचेंज और ग्लोबल AI कैपेसिटी डेवलपमेंट नेटवर्क का निर्माण किया जा सके।
इन प्रस्तावों के अलावा UN चाहता है कि एक ग्लोबल AI फंड बनाया जाना चाहिए। इससे कैपेसिटी और सपोर्ट के अंतर को दूर किया सकेगा ।
2022 में माइक्रोसॉफ्ट के OpenAI के ChatGPT के जारी होने के बाद से AI का उपयोग तेजी से बढ़ा है। इससे गलत सूचना, फर्जी खबरों और कॉपीराइट कंटेंट के उल्लंघन को बढ़ावा मिलने की चिंताएं बढ़ गई हैं।
केवल कुछ ही देशों ने AI टूल्स के फैलने को कंट्रोल करने के लिए कानून बनाए हैं। यूरोपीय यूनियन AI Act पारित करके बाकी देशों से आगे रहा है। जबकि चीन ने सामाजिक स्थिरता और राज्य नियंत्रण बनाए रखने का लक्ष्य रखा है।
USA उन 60 देशों में शामिल था, जिन्होंने 10 सितम्बर को सेना में AI के जिम्मेदार उपयोग को कंट्रोल करने के लिए Blueprint for Action का समर्थन किया था ।
UN ने एक बयान में कहा- AI का विकास कुछ इंटरनेशनल कंपनियों के हाथों में है, इसलिए यह खतरा है। इस तकनीक को लोगों पर थोपा जा सकता है, जबकि उन्हें इसके उपयोग के बारे में कोई निर्णय लेने की अनुमति नहीं होगी।