
OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जॉब मार्केट में बहुत बड़ा बदलाव लाएगा । लेकिन, उतनी जल्दी और उतना नहीं जितना कि लोगों को लगता है।
ऑल्टमैन का सजेशन है कि आज लोग जो काम करते हैं, उनमें से कई सौ साल पहले के लोगों को मामूली लगते होंगे। उसी तरह फ्यूचर जनरेशन हमारे वर्तमान काम को पुराना और गैर जरूरी मान सकती हैं।
उन्होंने कहा, जिस तरह लोगों ने अतीत में तकनीकी बदलावों के साथ तालमेल बिठाया, उसी तरह से समाज AI के लाए बदलावों के साथ तालमेल बिठा लेगा। इंसान में क्रिएशन करने और एक-दूसरे के मददगार होने की इच्छा जन्म से होती है। AI हमें योगदान करने के नए तरीके खोजने में मदद करेगा।
एक ब्लॉग पोस्ट में ऑल्टमैन ने कहा- AI सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से लेबर मार्केट को बदल सकता है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि नौकरियों के अचानक से खत्म कर देगा।
लोग जैसा सोच रहे हैं, उससे भी धीर-धीरे ज्यादातर नौकरियां बदलेंगीं। मुझे इस बात का कोई डर नहीं है कि हमारे पास काम नहीं होगा। AI कुछ काम की जगह लेगा, ये इंसान को और ज्यादा क्रिएटिव, मीनिंगफुल वर्क पर फोकस करने में कैपेबल बनाएगा। इससे हमारी कैपेसिटी और बढ़ेगी।
AI समाज को बदल देगा। AI मानवता को उन चीज़ों को हासिल करने में कैपेबल बनाएगा, जिन्हें कभी असंभव माना जाता था। फ्यूचर में AI हेल्थकेयर से लेकर शिक्षा तक हर चीज़ में हेप्ल करेगा। Virtual Tuters किसी भी विषय में, किसी भी भाषा में पढ़ाएंगे। AI क्लाइमेट चेंज और साइंटिफिक डिस्कवरी जैसे ग्लोबल चैलेंज को सॉल्व करने में मदद कर सकता है।
ऑल्टमैन ने कहा कि असमानताओं से बचने के लिए AI के लाभों को सावधानीपूर्वक बैन किया जाना चाहिए। AI और इसे चलाने के लिए आवश्यक कंप्यूटिंग पावर सभी के हाथ में हो। ऐसा नहीं हो कि ये केवल अमीरों के पास रहे। अगर हम पर्याप्त बुनियादी ढांचा नहीं बनाते हैं, तो AI एक बहुत ही लिमिटेड सोर्स होगा, जिसके लिए युद्ध लड़े जाएंगे।
ऑल्टमैन को भरोसा है कि एआई में सुधार जारी रहेगा। यह और अधिक शक्तिशाली होता जाएगा। इससे ऐसी सफलताएं सामने आएंगी जिन्हें कभी साइंस फिक्शन माना जाता था। नए तरह के सॉफ्टवेयर बनाने से लेकर हेल्थ केयर सिस्टम सुधार तक आएगा। AI की क्षमता लगभग असीमित है। हालांकि, ये सब बिना चैलेंज के नहीं मिलेगा। इसमें बहुत सी परेशानियां आएंगी।